नया रास्ता
नया रास्ता एक सामाजिक उपन्यास है इसकी लेखिका सुषमा अग्रवाल है इस उपन्यास में लेखिका ने 'पुरानी सड़ी गली रीति रिवाजों तथा वर्तमान में चल रही दहेज की समस्या जिसके कारण कई लड़कियों की शादी नहीं हो पाती अथवा शादी हो जाने के बादभी दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता है वहीँ रूप रंग भी अच्छा नहीं होना भी शादी में बाधा उत्पन्न करता है' इसका विरोध किया है तथा स्त्री के स्वपन , संघर्ष , तथा अदम्य साहस को भी प्रस्तुत किया है ।
प्रश्न - नया रास्ता का सारांश का वर्णन संछिप्त शब्दों में करें ?
उत्तर - नया रास्ता एक सामाजिक उपन्यास है ।उपन्यास की मुख्या पात्र मीनू जो की बचपन से ही बहुत मेधावी रही है सदैव अपनी कक्षा में प्रथम आती है एवं M.A की परीक्षा भी उसने प्रथम श्रेणी में पास की थी ।अपनी पढ़ाई के अलावा वह सिलाई , कढ़ाई , बुनाई , खाना बनाना , पेटिंग्स आदि सभी कार्यों में निपुण थी । सब कार्यों में इतनी निपुण होने के बावजूद भी मीनू की शादी नहीं हो पा रही थी क्योंकि वह अति साधारण सी दुबली पतली कद में नाती थी उसकी छोटी बहिन आशा रंग रूप उससे ज्यादा सुन्दर थी ।
कई जगह से शादी के लिए नापसंद होने के बाद जब मेरठ वालों को उसका फोटो पसंद आ जाने के बाद भी जब वहां से नकरात्मक उत्तर आता है तो मीनू के अंदर एक हीनभावना ने जन्म ले लेती है शायद वह विवाह योग्य नहीं है और यही सोचकर वह यह निश्चय कर लेती है की अब वह विवाह नहीं करेगी ।
मीनू में साहस की कमी न थी वह वकील बनने का दृढ़ निश्चय करके अपने पैरों पैर होकर काफी पैसा कमाना चाहती है जिससे की वह समाज में सर ऊँचा करके रह सके उसका दृढ़ निश्चय देखकर उसके पिता भी उसे वकालत की आज्ञा दे देतें है इस प्रकार मीनू अपने नए रास्ते की तलाश में निकल पड़ती है ।
नया रास्ता के पात्र परिचय तथा उनकी चारित्रिक विशेषतायें
दयाराम जी - दयाराम जी मीनू के पिताजी है वे ईश्वर में बहुत विश्वास रखते है किन्तु सबसे पहले वह अपने परिवार से अत्यधिक प्रेम करते है जिसके लिए वे समाज तथा पारम्परिक रीती रिवाजों को भी तोड़ देते है ।
दयाराम जी की पत्नी - दयाराम जी की पत्नी एक बहुत ही समझदार गृहणी है वे अपने परिवार तथा बच्चों की बहुत चिंता करती है ।
मीनू - इस उपन्यास की नायिका तथा मुख्य पात्र है जो की कुषारगबुद्धि , मेधावी छात्रा , हमेशा प्रथम आने वाली एवं M.A की परीक्षा भी प्रथम श्रेणी में पास करके वकालत करके एक मशहूर वकील बनती है सुन्दर होते हुए भी अपने सांवले रंग को लेकर हमेशा हीन भावना से ग्रसित रहती है वह काफी दृढ़ निश्चयी है वह समाज की तीव्र भर्तस्ना करते हुए स्वावलम्बी बनने का प्रयास करती है । जिसमे वो सफल भी हो जाती है ।
आशा - दयारामजी की छोटी पुत्री तथा मीनू की छोटी बहन रूपवती ,अल्हड़ , हंसमुख तथा बचकानी हरकत करने वाली नादान लड़की है ।
रोहित - दयारामजी की का पुत्र तथा मीनू का छोटा भाई जो की पद लिखकर इंजीनियर बन दिल्ली में नौकरी कर रहा है मीनू तथा आशा दोनों ही को रोहित से बहुत स्नेह है ।
नया रास्ता के पात्र परिचय तथा उनकी चारित्रिक विशेषतायें
दयाराम जी - दयाराम जी मीनू के पिताजी है वे ईश्वर में बहुत विश्वास रखते है किन्तु सबसे पहले वह अपने परिवार से अत्यधिक प्रेम करते है जिसके लिए वे समाज तथा पारम्परिक रीती रिवाजों को भी तोड़ देते है ।
दयाराम जी की पत्नी - दयाराम जी की पत्नी एक बहुत ही समझदार गृहणी है वे अपने परिवार तथा बच्चों की बहुत चिंता करती है ।
मीनू - इस उपन्यास की नायिका तथा मुख्य पात्र है जो की कुषारगबुद्धि , मेधावी छात्रा , हमेशा प्रथम आने वाली एवं M.A की परीक्षा भी प्रथम श्रेणी में पास करके वकालत करके एक मशहूर वकील बनती है सुन्दर होते हुए भी अपने सांवले रंग को लेकर हमेशा हीन भावना से ग्रसित रहती है वह काफी दृढ़ निश्चयी है वह समाज की तीव्र भर्तस्ना करते हुए स्वावलम्बी बनने का प्रयास करती है । जिसमे वो सफल भी हो जाती है ।
आशा - दयारामजी की छोटी पुत्री तथा मीनू की छोटी बहन रूपवती ,अल्हड़ , हंसमुख तथा बचकानी हरकत करने वाली नादान लड़की है ।
रोहित - दयारामजी की का पुत्र तथा मीनू का छोटा भाई जो की पद लिखकर इंजीनियर बन दिल्ली में नौकरी कर रहा है मीनू तथा आशा दोनों ही को रोहित से बहुत स्नेह है ।
अमित - अमित मायाराम जी का पुत्र है वह बहुत ही सुलझा हुआ कटर दहेज़ विरोधी ,स्वाभिमानी ,साहसी युवक है । वह मीनू के गुणों से प्रभावित होकर धनिमल जैसे सेठ की लड़की से भी विवाह को इंकार कर देता है किन्तु वह अपने माता पिता का आज्ञाकारी बेटा है जब तक उसके माता पिता उसको मीनू से विवाह की आज्ञा नहीं देते तब तक वह विवाह नहीं करता है ।
माया राम जी - मायाराम जी मेरठ निवासी है तथा अमित और मधु के पिता है । वे दहेज विरोधी है किन्तु जब धनिमल जी अपनी पुत्री सरिता तथा अमित की शादी में पांच लाख रुपए खर्च करने का प्रस्ताव रखते है तो वह अपनी धर्मपत्नी के कहने पैर मीनू का रिश्ता अमित के साथ तोड़ कर सरिता से अमित की शादी मंजूर कर लेते है ।
वह बहुत ही कोमल ह्रदय है यद्यपि वह अपनी पत्नी के तर्कों के सामने झुख जातें है किन्तु जब वह मीनू का रिश्ता तोड़ते है तो उन्हें ऐसा प्रतीत होता है की वह कोई घोर अपराध कर रहे है उनकी मनस्थिति विकल हो जाती है इसलिए जब फ्लैट को लेकर अनबन होती है तो वे पूर्ण निर्णय अपने पुत्र अमित के हाथों सौंप देते है । अमित के एक्सीडेंट के बाद वे दयारामजी से भी अपनी भूल के लिए माफ़ी मांगते है ।
"दूसरे ही क्षण मीनू उसके सामने आ गयी और ख़ुशी से उसके हाथ चुम लिए ।"
प्रश्न - १. मीनू कौन है ? उसकी ख़ुशी का क्या कारण है ?
२. "उसके सर्वनाम किसके लिए प्रयोग किया गया है ? संक्षेप में उसका परिचय दीजिये ?
३. हीनभावना से दुखी मीनू कैसे प्रसनचित हो गयी ?
उत्तर - १. मीनू दयारामजी की सबसे बड़ी पुत्री है वह विवाह योग्य हो गयी है उसके पिता ने उसका फोटो मेरठ
भेजा था जो की उनको पसंद आ गया है इसलिए वे लोग मायाराम जी का परिवार मीनू को देखने आ रहे
है इसलिए वो आज बहुत खुश है ।
२. उसके सर्वनाम का प्रयोग नीलिमा के लिए किया गया है जो की मीनू की सहली है वह काफी रूपवती
तथा संवेदनशील युवती है उसने भी मीनू के साथ की M.Aपरीक्षा दी है मीनू के दिल की छिपी पीड़ा का एहसास नीलिमा को है और वह उस पीड़ा से मीनू का ध्यान हटाने का भरसक प्रयत्न करती है ।
३. मीनू व नीलिमा ने की M.Aपरीक्षा दी थी । जिसे मीनू ने प्रथम तथा नीलिमा ने द्वितीय श्रेणी में पास किया था इस कारण हिन् भावना से ग्रसित मीनू प्रसनचित ही गयी ।
प्रश्न २ - "अमित व मायाराम जी जब घर पहुंचे तो उन्होंने देखा की कोई सज्जन उनका इंतजार कर रहा है "
१. यह लोग कहाँ से वापस आ रहे थे ? वे वंहा क्यों गए थे ?
२. यह सज्जन कौन है ? उनके यहाँ आने का क्या प्रयोजन है ?
३. धनिमल जी ने शादी के प्रस्ताव के साथ क्या प्रलोभन दिया ? मायाराम जी के परिवार पर इस प्रलोभन
का क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर - १. मायाराम जी का परिवार मीरपुर से वापिस आ रहा था वे वहां पर दयाराम जी की बेटी मीनू को अमित के लिए देखने गए थे ।
२.यह सज्जन धनिमल जी है जो मेरठ के धनि व्यक्तियों में से एक है । वे अपनी पुत्री के विवाह का प्रस्ताव अमित के लिए लेकर आये थे ।
३. धनिमल जी ने शादी के प्रस्ताव के साथ यह भी बताया की वो शादी में पांच लाख रूपए खर्च करेंगे किन्तु मायाराम जी दहेज विरोधी थे उन्होंने कहा की हम तो लड़की पसंद करके आये है किन्तु अमित की माँ जी पर रुपयों का लालच आ गया अब उन्हें धनिमल जी की बेटी सरिता पसंद आ गयी ।
प्रश्न ३ - "सुबह के गयारह बजे होंगे । पोस्टमैन के आने का समय हो रहा है घर में सबको इंतज़ार था .........."
१. घर में सबको किसका इंतज़ार था और क्यों ?
२. मायाराम जी ने अपने पत्र में क्या सन्देश भिजवाया था ?
३.पत्र के सन्देश से घर में क्या प्रतिक्रिया हुई ?
उत्तर - १. घर में सबको मेरठ से आने वाले पत्र का इंतज़ार था क्योंकि उस पत्र के जरिये ही मायाराम जी मीनू के रिश्ते की सहमति देते । इसलिए सभी को पत्र का इंतज़ार था ।
२. मायराजी ने पत्र में यह सन्देश भिजवाया की उन्हें मीनू की जगह उनकी छोटी बेटी आशा पसंद है इसलिए अगर वे उनसे रिश्ता करना चाहते है तो अमित की शादी मीनू की वजाय आशा से की जाएँ ।
३. पत्र का सन्देश सुनकर मीनू के अंदर एक हीनभावना ने जनम लिया की वह विवाह योग्य ही नहीं है इसलिए अब वह किसी पर बोझ नहीं बनेगी अपितु वह और पद लिख कुछ बन कर दिखाएगी
Thanks
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