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Monday, 12 February 2018

सब्जीओ मे छिपे बीमारी और वजन घटाने के सटीक उपाय


                                     अदरक गुणों की खान 




अदरक दुनिया का सबसे बहुपयोगी औषधीय गुण वाला पदार्थ है। 100 से ज्यादा बीमारियों में इस का इस्तेमाल १०० से ज्यादा बीमारियोँ के  लिए किया जाता है भारत और चीन में अदरक को एक मसाले और औषधि के रूप में उपजाया और इस्तेमाल किया जाता था।
भारतीय व्यंजन में अदरक का उपयोग बहुतायत से होता है |

 इसका सेवन सब्जी, चटनी, अचार, सॉस, टॉफी, पेय पदार्थों, बिस्कुट, ब्रेड इत्यादि में स्वाद व सुगंध के लिए किया जाता है |

 इसके  प्रयोग से भोजन न केवल  स्वादिष्ट बनता है बल्कि  सुपाच्य भी  हो जाता है और साथ  ही साथ  स्वास्थ्यवर्धक भी हो जाता है

अदरक को पेट की समस्याओं, मतली, दस्त, हैजा, दांतदर्द, रक्तस्राव और गठिया के उपचार के लिए एक औषधि के रूप में  इस्तेमाल किया जाता है

अदरक का इस्तेमाल अधिकतर भोजन के बनाने के दौरान किया जाता है। अक्सर सर्दियों में लोगों को खांसी-जुकाम की परेशानी हो जाती है जिसमें अदरक प्रयोग बेहद ही कारगर माना जाता है। इसके अलावा भी अदरक कई और बीमारियों के लिए भी फ़ायदेमंद मानी गई है।

आजकल लोगो को बिमारियों ने जकड़ रखा है  लोगों में अधिकांश दिक्कत भूख न लग्न , खाना न पचना , पेट में वायु बनना , कब्ज आदि पाचन संबंधित तकलीफे है।  और पेट से ही अधिकांश रोग उत्पन्न होते है।  अदरक पेट की अनेक तकलीफों में रामबाण औषधि है।


अदरक आँतों की सफाई व् पाचनतंत्र की मजबूती मे बहुत सहायक है अदरक का रस आमाशय के छिद्रों में जमे  कफ को तथा  बड़ी आँतों में जमे आंव को पिंघलाकर बाहर निकल देता है जिससे भोजन का पाचन बढ़िया होता है एवं अरुचि दूर होती है।

अदरक में जिंजरोल नामक एक बहुत असरदार पदार्थ होता है जो जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द को कम करता है। एक अध्ययन के मुताबिक, अदरक गंभीर और स्थायी इंफ्लामेटरी रोगों के लिए एक असरकारी उपचार है।अदरक माइग्रेन (सिरदर्द) में राहत देती है

अदरक मधुमेह से होने वाली जटिलताओं से बचाव करती है। अदरक मधुमेह पीड़ित के लिवर, किडनी और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को सुरक्षित कर सकती है। साथ ही वह इस बीमारी के एक आम दुष्प्रभाव मोतियाबिंद का खतरा भी कम करती है।

अदरक कोलेस्ट्रॉल को कम करने, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने, रक्त प्रवाह में सुधार लाने और अवरुद्ध आर्टरियों तथा रक्त के थक्कों से बचाव करने का काम करते हैं। ये सारी चीजें हृदयाघात (हार्ट अटैक) और स्ट्रोक के जोखिम को कम करती हैं।

कुछ ध्यान देने लायक बातें अदरक के बारें मे    :-

१. एक दिन में 4 ग्राम से ज्यादा अदरक नहीं लेनी चाहिए। इसमें खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाने वाला अदरक भी शामिल है।

२.दो साल से कम उम्र के बच्चों को अदरक नहीं दी जानी चाहिए।

३.गर्भवती स्त्रियों को प्रतिदिन 1 ग्राम से अधिक नहीं लेना चाहिए।

४.मधुमेह रोगी को अदरक को हमेशा सीमित मात्रा मे  ही खाना चाहिये।

अदरक निम्बू की चाय :-  एक पतीले में साढ़े चार कप पानी उबालें। पानी के उबलने पर 2 इंच अदरक के टुकड़े को 20-25 तुलसी पत्तों के साथ कूट कर  उबलते पानी में डाल दें। 2-3 मिनट तक उबलने दें। चाय को कप में छान लें और स्वाद के लिए 1 चम्मच नीबू का रस और गुड़ या शक्कर  मिलाएं। गरम-गरम पिएं।

अदरक वजन कम करने मे सहायक :-

 नींबू और अदरक दो ऐसी चीज़ें हैं इससे  आपको न केवल वज़न कम करने संबंधी, बल्कि और भी कई अन्य फायदें  भी निश्चित रूप से होंगे।

गाजर  और थोड़ी सब्ज़ियों को उबाल लें इसमें अदरक को कद्दूकस कर लें साथ ही ऊपर से जीरा पाउडर और नींबू का रस डालें और इसे रात में खाएं !

                       लौकी गुणों की खान                                           


   
लौकी या  घिया साधारणतया  भारत के हर घर मे खायी जाने वाली सब्जी है इस से तरह तरह की सब्जी ,कोफ्ते भरवा पराठें तथा मिठाईया भी बनाई जाती है ।
लौकी न तो सिर्फ खाने मे मजेदार होती है बल्कि इस के ओषधिये गुण भी बहुत होते है लौकी के बीज का तेल कोलेस्‍ट्रॉल को कम करता है तथा हृदय को शक्‍ति देता है। यह रक्‍त की नाडि़यों को भी स्‍वस्‍थ बनाता है। लौकी का उपयोग आंतों की कमजोरी, कब्‍ज, पीलिया, उच्‍च रक्‍तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, शरीर में जलन या मानसिक उत्‍तेजना आदि में बहुत उपयोगी है।

तो इसलिए दोस्तों आज हम इस लेख मे लौकी के सिर्फ गुण के बारें मे जानेगे बल्कि इसकी कुछ रेसिपी भी शेयर करेंगे ।

लौकी एक बेल  के रूप मे उगती है जिसमे पानी और पोषक तत्व भरपूर मात्रा मे पाए जाते है यह ऊपर से हरे और हलके पीले रंग की होती है पर छिलने पर इस का गुदा सफ़ेद रंग का होता है इसमें पायें जाने वाले बीज भी सफ़ेद रंग के होते है इसकी खेती नम और आद्र जगहों पर की जाती है जैसे की भारत , श्रीलंका , इंडोनेशिया आदि ।इसमें अनेक विटामिन और खनिज पदार्थो का बाहुल्य होता है इसलिए यह मानव शरीर के लिए बहुत फायदे मंद होती है

U S के कृषि आंकड़ों के अनुसार १०० ग्राम लौकी मे पानी - ९६ ग्राम , वसा - .०२ग्राम , प्रोटीन - .६२ग्राम , कैल्सियम  - २६ मिलीग्राम ,पोटैसियम - १५० मिलीग्राम तथा इसके अलावा भी बहुत से खनिज पदार्थ और विटामिन पायीं जाते है!

लौकी हमारें पेट के लिए बहुत लाभदायी है यह तो बहुत आसानी से हजम होती है बल्कि पाचन क्रिया को भी आसानी से चलाने मे मदद करती है !

लौकी की सब्जी और जूस दोनों के बहुत फायदें है लौकी का एक गिलास जूस न सिर्फ शरीर के तापमान को ठीक रखता है बल्कि शरीर की अतिरिक्त चर्बी को भी घटाता है!

लौकी के फायदें -
.लौकी को उबाल कर या कम मसालों के साथ सब्जी खाने से न तो सिर्फ तनाव कम होता है बल्कि यह शरीर से  पित्त भी बाहर निकालने मे उपयोगी साबित होती है

.यह शरीर मे ब्लड शुगर भी नियंत्रित करती है

.लौकी मे पोटैशियम पाया जाता है जो किडनी संबधी बीमारियों के उपचार मे बहुत मदद करता है

.यह रक्त चाप ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करने मे मदद करती है

.इसमे कोलोस्ट्रोल नहीं होता है तथा इसमें विटामिन और फाइबर बहुत होता है इसलिए यह हृदय रोग मे बहुत  मददगार साबित होती है !

लौकी के जूस के फायदें :_

.हृदय रोग में, विशेषकर भोजन के पश्‍चात एक कप लौकी के रस में थोडी सी काली मिर्च और पुदीना डालकर पीने से हृदय रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।



.लौकी मे ९६% पानी होता है यह लम्बे समय तक भूख को नियंत्रित करता है इसलिए खाली पेट एक गिलास लौकी का जूस पीने से वजन कम होता है !



.रोज एक गिलास लौकी का जूस पीने से मूत्र सम्बन्धी समयसायों मे राहत मिलती है !

.खांसी, टीबी, सीने में जलन आदि में भी लौकी बहुत उपयोगी होती है।

.लौकी के जूस मे फाइबर अधिक मात्रा मे पाया जाता है जिससे पाचन क्रिया सुचारु रूप से चलती है तथा   मेटाबोलिज्म रेट अच्छा होता है !

.इसके नियमित सेवन से एसिडिटी कम होती है !

.लौकी के जूस को आवला के साथ मिलाकर सिर की मालिश करने से रुसी तो गायब होती है साथ ही साथ बाल झड़ने तथा असमय सफ़ेद होने की समस्यों से निजात मिलती है !

तो दोस्तों यह थे लौकी के कुछ खास गुण 
पर दोस्तों इस बात का हमेशा ध्यान रखे की लौकी का जूस पीने  से पहले चख ले की वो कड़वी न हो कड़वी लौकी का सेवन नहीं किया जाता तथा इसके जूस के साथ किसी अन्य फल तथा सब्ज़ी का जूस नहीं पिया जाता !


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