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Wednesday, 22 September 2021



UNDERSTANDING THE MEANING AND CONTRIBUTION OF ARCHITECTURE IN A MORE ELEBORATIVE WAY: GOING BEYOND THE PURSUIT OF BUILDING DESIGNING

 Throughout history, architecture has stood as a representation of society, reflecting the values, successes, and eventual downfall of civilizations over time. From the monumental structures to the residences and buildings that make up the fabric of a city, we can learn a lot about who the people were who inhabited them long before our time. By studying the built environment of the past, combined with modern-day research on psychology and the environment, we’re coming to understand the effects of architecture on people in entirely new ways, which begs the question: Just how does architecture impact society? The Importance of Architecture At its roots, architecture exists to create the physical environment in which people live, but architecture is more than just the built environment, it’s also a part of our culture. It stands as a representation of how we see ourselves, as well as how we see the world. While the concept of shelter is a fairly simple thing, the style of buildings was originally shaped by the climate of a particular location, what materials were readily available, as well as the values of the society building them. As the world became more and more connected, the styles evolved, but even in modern construction, there is still an importance in honoring the cultural nuances in the built environment. 

AS THESE EVOLUTIONS IN SOCIETY AND DESIGN OCCUR, THERE’S THE QUESTION OF WHAT TO DO WITH OLD, OUTDATED, AND RUN-DOWN BUILDINGS. SOME ARE MODIFIED TO TAKE ON DIFFERENT FUNCTIONS, WHILE OTHERS ARE DEMOLISHED, DEEMED TO BE BEYOND REPAIR. 

Well-designed architecture and the connection individuals have to it is not something that’s easily quantified.

However, we all know the feeling of walking into a space that just feels right. It’s not only functional but resonates with you on a different, subconscious level. While designing for function is certainly crucial, it’s important to tap into that emotional connection as well, as they both speak to the sense of experiencing architecture. It’s not just an intellectual understanding, but a connection between the user and space. Successful project comes from understanding that the spaces and buildings we love most stir up feelings in us that aren’t easy to quantify but are created from the process of collecting and implementing all this knowledge and research. 

There are countless ways that architects can continue to evolve the occupation and respond to the changing needs of our society. We just need to step up to the challenge, believing we’re capable of it.

 -Nandini Shaw

Wednesday, 15 September 2021

 🙏🙏🙏🙏🙏🙏मन्नू भंडारी🙏🙏🙏🙏🙏🙏

जन्म ------- APRIL 1931, भानपुरा मध्य प्रदेश भाषा -------- हिंदी📖🎎📖🎎📖📖📖 विधाएँ -------- उपन्यास, कहानी, नाटक, आत्मकथा, बाल साहित्य....📖📖📖👩‍🏫 उपन्यास ------ एक इंच मुस्कान, आपका बंटी, महाभोज.. कहानी संग्रह ------ मैं हार गई, तीन निगाहों की एक तस्वीर, यही सच है, एक प्लेट सैलाब , अकेली, मन्नू भंडारी की संपूर्ण कहानियाँ..... नाटक ---- बिना दीवारों के घर . बाल साहित्य -----आँखों देखा झूठ, आसमाता... सम्मान---- व्यास सम्मान

https://youtu.be/7BYPQhCtImo
🙏🙏🙏💐💐अंकुश💐🙏🙏🙏 🙏🙏🙏🙏🙏🙏मन्नू भंडारी🙏🙏🙏🙏🙏 पापा हमेशा ऊँचे ओहदे पर रहे सहाबी ठाट के साथ ...लेकिन उनके घर में यदि रात को बारह बजे भी आता दूर का मामूली सा रिश्तेदार भी ...तो वे सर आँखों पर लेते थे ...ऐसे आदमी को में अपने ही घर आने से मना कर दूँ ..

https://youtu.be/ly2Nb4FtI-c khote sikke
🙏🙏🙏💐💐ईसा के घर इंसान💐🙏🙏🙏 🙏🙏🙏🙏🙏🙏मन्नू भंडारी🙏🙏🙏🙏🙏 मैं ज़िंदा रहना चाहती हूँ..आदमी की तरह ज़िंदा रहना चाहती हूँं..में घुट-घुटकर नहीं मरूँगी... मैं भाग जाऊँगी..मैं भाग जाऊँगी..हम क्यों अच्छे कपड़े नहीं पहनें..हम इन्सान ही है..मैं नहीं रहूँगी यहाँ... .. मैं कभी नहीं रहूँगी...
https://youtu.be/ax2NUOD9TFU

https://youtu.be/ly2Nb4FtI-c KHOTE SIKKE

🙏🙏🙏💐💐असामयिक मृत्यु 💐🙏🙏🙏 🙏🙏🙏🙏🙏🙏मन्नू भंडारी🙏🙏🙏🙏🙏 गति महेश बाबू के हृदय की रुकी पर चाल घर की ठप्प पद गयी....लेकिन अब यदि दिन दुनिया को भूल गया तो ...और यदि दिन दुनिया के चक्कर में नाटक से कट गया तो ...और इन दो तो की जकड में शारदा का मन घूमने लगा ...
https://youtu.be/Hy2Wy3u7pxo

🙏🙏🙏💐💐रेत की दीवार 💐🙏🙏🙏 🙏🙏🙏🙏🙏🙏मन्नू भंडारी🙏🙏🙏🙏🙏 धीरे धीरे कब रानी का घूँघट खुल गया ..खाने की प्रशंसा ..रूप की प्रशंसा ..बदलकर उसके अतृप्त मन को तृप्त करने लगी .. https://youtu.be/k7elP6qrrPQ

🙏🙏🙏💐💐मुक्ति💐💐🙏🙏🙏 प्रार्थना कीजिए ईश्वर से कि वह अब इन्हें उठा ले...ववरना आज के ज़माने में तो.... वैसे भी सोचो तो इससे अधिक सुखद मौत और क्या हो सकती है भला ....
https://youtu.be/hxEpmh4HLQo

🙏🙏🙏💐💐नशा💐💐🙏🙏🙏 प्रार्थना कीजिए ईश्वर से कि वह अब इन्हें उठा ले...ववरना आज के ज़माने में तो.... वैसे भी सोचो तो इससे अधिक सुखद मौत और क्या हो सकती है भला ....
https://youtu.be/5vMZoNowmrg

PLAYLIST OF MANNU BHANDARI'S STORIES
https://www.youtube.com/playlist?list=PLUoIVgnBiV-ON_CvryTT8byTmyP8zAG-_

🙏🙏🙏💐💐कमरे , कमरा और कमरे 💐💐🙏🙏🙏 👨‍👩‍👦‍👦👨‍👩‍👦‍👦👨‍👩‍👦‍👦👨‍👩‍👦‍👦🙏🙏🙏मन्नू भंडारी⚘⚘⚘⚘ “घर की चहारदीवारी आदमी को सुरक्षा देती है, पर साथ ही उसे एक सीमा में बाँधती भी है। उसे लगता उसकी ज़िन्दगी इन पांच कमरों में बिखरी है ...और बहुत चाहने पर भी अपने आपको एक कमरे में नहीं..आज वो ही कमरा उसकी सिमा बन गया ...
https://youtu.be/T1dZ33v26-Y

🙏🙏🙏💐💐छत बनाने वाले 💐💐🙏🙏🙏 👨‍👩‍👦‍👦👨‍👩‍👦‍👦👨‍👩‍👦‍👦👨‍👩‍👦‍👦🙏🙏🙏मन्नू भंडारी⚘⚘⚘⚘ “घर की चहारदीवारी आदमी को सुरक्षा देती है, पर साथ ही उसे एक सीमा में बाँधती भी है। बचपन में कहानी सुनी थी ...आदर्श परिवार ताऊजी का परिवार ..अनुशसन..सम्मान..प्यारे बच्चे ..


https://youtu.be/jweKvi7Dl3g

🙏🙏🙏💐💐एक कमज़ोर लड़की की कहानी 💐🙏🙏🙏 🙏🙏🙏🙏🙏🙏मन्नू भंडारी🙏🙏🙏🙏🙏 जब में लौटूँ तो मेरी रूप मुझे सौंप देना ..मेरी रूप को किसी और के घर का श्रृंगार मत बनने देना .. ..
https://youtu.be/QvJy1SlTSLY
🙏🙏🙏💐💐त्रिशंकु💐💐🙏🙏🙏

👨‍👩‍👦‍👦👨‍👩‍👦‍👦👨‍👩‍👦‍👦👨‍👩‍👦‍👦🙏🙏🙏मन्नू भंडारी⚘⚘⚘⚘ “घर की चहारदीवारी आदमी को सुरक्षा देती है, पर साथ ही उसे एक सीमा में बाँधती भी है। स्कूल-कॉलेज जहाँ व्यक्ति के मस्तिष्क का विकास करते हैं, वहीं नियम-कायदे और अनुशासन के नाम पर उसके व्यक्त्वि को कुठित भी करते हैं
https://youtu.be/pd9j8psemYc

🙏🙏🙏💐💐कील और कसक 💐🙏🙏🙏 🙏🙏🙏🙏🙏🙏मन्नू भंडारी🙏🙏🙏🙏🙏 धीरे धीरे कब रानी का घूँघट खुल गया ..खाने की प्रशंसा ..रूप की प्रशंसा ..बदलकर उसके अतृप्त मन को तृप्त करने लगी ..
https://youtu.be/jsxokpJg0vc

🙏🙏🙏💐💐ईसा के घर इंसान💐🙏🙏🙏 🙏🙏🙏🙏🙏🙏मन्नू भंडारी🙏🙏🙏🙏🙏 मैं ज़िंदा रहना चाहती हूँ..आदमी की तरह ज़िंदा रहना चाहती हूँं..में घुट-घुटकर नहीं मरूँगी... मैं भाग जाऊँगी..मैं भाग जाऊँगी..हम क्यों अच्छे कपड़े नहीं पहनें..हम इन्सान ही है..मैं नहीं रहूँगी यहाँ... .. मैं कभी नहीं रहूँगी...
https://youtu.be/xiwFXGnBViE

Saturday, 14 August 2021

 

🙏🙏✍✍मालती जोशी ✍✍🙏🙏🙏🙏

मालती जोशी हिन्दी साहित्य लेखिका हैं, जिन्हें 2018 में साहित्य तथा शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया मालती जोशी का जन्म 4 जून 1934 को औरंगाबाद में हुआ था .. आपने आगरा विश्वविद्यालय से वर्ष 1956 में हिन्दी विषय से एम.ए. की शिक्षा ग्रहण की... अब तक कई अनगिनत कहानियां , बाल कथायें व उपन्यास प्रकाशित कर चुकी हैं। इनमें से अनेक रचनाओं का विभिन्न भारतीय व विदेशी भाषाओं में अनुवाद भी किया जा चुका है। कई कहानियों का रंगमंचन रेडियो व दूर दर्शन पर नाट्य रूपान्तर भी प्रस्तुत किया जा चुका है.. अपनी कहानियों के बारे में, वे कहती हैं... "जीवन की छोटी-छोटी अनुभूतियों क।..स्मरणीय क्षणों को मैं अपनी कहानियों में पिरोती रही हूं.. ये अनुभूतियां कभी मेरी अपनी होती हैं कभी मेरे अपनों की.. और इन मेरे अपनों की संख्या और परिधि बहुत विस्तृत है.. वैसे भी लेखक के लिए आप पर भाव तो रहता ही नहीं है..अपने आसपास बिखरे जगत का सुख दु:ख उसी का सुख दु:ख हो जाता ह।। और शायद इसीलिये मेरी अधिकांश कहानियां "मैं” के साथ शुरू होती हैं......" 🏡🏡🏡🏡🏡 एक घर हो सपनो का 🏜🏜🏜 🙏🙏✍✍मालती जोशी ✍✍🙏🙏🙏🙏 https://youtu.be/7iTGLrzeRZs कँहा था अम्मा का अपना घर 🏡🤔और कब .. गृहस्थी का सुख देखा ही क्या है मैंने ..घर बसाना और चीज़ है ..बच्चें पैदा करना और ..👨‍👩‍👧‍👧👨‍👩‍👦‍👦 https://youtu.be/kMeTsj7Pkys मोरी रंग दी चुनरिया

नौकरी सिर्फ रोटी देती है ..हिंदुस्तानी औरत को सुरक्षित छत भी चाहिए फिर चाहे वह पिता की हो भाई की हो बेटे की हो या पति कि हो ..में कुमारी हूँ ..या विधवा ..या विवाहिता .....

🏡🏡🏡🏡🏡 जो बीत गई सो बात गई 🏜🏜🏜

🙏🙏✍✍मालती जोशी ✍✍🙏🙏🙏🙏

पहला प्यार ..हमारी शादी में प्रेम दूर दूर तक नहीं था ..तुम्हारी तरफ से थी सहानुभूति ...मेरी तरफ से

https://youtu.be/8Lh-wrmdxlc

📺📺📺📺📺📺🎸 अनिकेत📺📺📺📺 🙏🙏✍✍मालती जोशी ✍✍🙏🙏🙏🙏 जिया वीरेश के लिए माँ से भी बढ़कर हो गयी ...माँ कभी इतनी निरपेक्ष नहीं होती ...कभी न कभी अपने दूध का क़र्ज़ मांग लेती है ..👨‍👩‍👧‍👧👨‍👩‍👦‍👦

https://youtu.be/Q2_zxocHM4Y

📺📺📺📺📺📺🎸 बेटियाँ📺📺📺📺 🙏🙏✍✍मालती जोशी ✍✍🙏🙏🙏🙏 क्या पिता की मृत्यु के बाद माँ भी अपनी बेटियों के लिए परायी हो गयी ...क्या सरकारी नौकरी पिता से भी बड़ी हो गयी.. क्या सरकारी नौकरी अपने सगे रिश्तों से भी बड़ी हो गयी 👨‍👩‍👧‍👧👨‍👩‍👦‍👦

https://youtu.be/5Xe-L2yI5gs
📺📺📺📺📺📺🎸 अनब्याही पीर 📺📺📺📺 🙏🙏✍✍मालती जोशी ✍✍🙏🙏🙏🙏 जी मैंने सचमुच आत्मसम्मान ताक पर रख दिया ..क्योंकि वो बहुत मंहगी चीज़ है ..हम उसे अफ़ोर्ड नहीं कर सकते ...हम जैसो की यही नियति है ..क्या एक लड़की के शादी उसके आत्मसम्मान से बढ़कर है ... 👨‍👩‍👧‍👧👨‍👩‍👦‍👦
https://youtu.be/wW58oGNBogg
🙏🙏🙏🎸🎸राग विराग 🎎👩‍🦱🧔🥰🎎🙏

संगीत सौंदर्य से परिपूर्ण नारी की कहानी..जिसे पग पग पर जीवन संघर्ष से जूझते हुए ...सच्चाई से सीधा साक्षात्कार

https://www.youtube.com/playlist?list=PLUoIVgnBiV-O27pivYXe1MTrmsM-Sw9T9

🙏🙏✍✍मालती जोशी ✍✍🙏🙏🙏🙏बंधक दस साल ..हाँ पुरे दस साल हो गए में अपने घर नहीं गयी ...अपना घर ? हाँ मेरे लिए तो वही अपना घर है ...यह घर तो कभी अपना ही नहीं लगा ..लगता है जैसे किसी ने खाना कपडा देकर मुझे अपनी गुलामी में रखा है ...

https://youtu.be/MmkgP2WXxuM

https://youtu.be/R83lbFEBYDw पाषाण युग

बचपन में कहानी सुनी थी ...एक जादूगर एक राजकुमारी को वश में कर लेता है ..दिन भर तो वो बेचारी पत्थर की मूरत बानी रहती है ..और रात में ....
https://youtu.be/FK_1lP9yFpU     
साज़िश

🙏🙏🙏ज्वालामुखी के गर्भ से 👨👨👨🥰🎎🙏🙏 🙏🙏✍✍मालती जोशी ✍✍🙏🙏🙏🙏 वह घर नहीं है ज्वालामुखी है ..कभी तुम भी वँहा से निकलने के लिए छटपटाओगी ...तब मुझे याद करना ...

https://www.youtube.com/playlist?list=PLUoIVgnBiV-PysWsY2a_RDfAw55PEEXPF

🙏🙏🙏👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦साज़िश🎎🎎🙏🙏 🙏🙏✍✍मालती जोशी ✍✍🙏🙏🙏🙏 तो कर लो न नौकरी ..ज़िन्दगी भर क्या भाई भाभी की छाती पर मुंग दलना जरुरी है ...आखिर तुम्हारे लिए कोई कितना करेगा ..बाबू जी का घर ???..अपना सुख दुःख अपने घर सहो बिटिया ..

🙏🙏🙏पिता👨👨👨🥰🎎🙏🙏 🙏🙏✍✍मालती जोशी ✍✍🙏🙏🙏🙏 मेरी गलतियों की सजा कभी मेरे बच्चों को मत देना ...अगर बर्दाश्त से बहार हो जाये ..तो मुझे छोड़ देना ..पर अपना हाथ इन बच्चों पर हमेशा बनाये रहना ....
https://youtu.be/R75AuFEMTi0 पिता

https://youtu.be/zNyI6eXylDo अग्निपथ

https://youtu.be/CEbzF6NSsSY अतृप्त आत्माओं का देश

https://youtu.be/4lpn4EJ_Y_k प्रतिदान

https://youtu.be/kkYl-eDFgGA मन ना भाये दस बीस

https://youtu.be/uRlFpE3spac पीर पर्वत हो गयी है

https://youtu.be/Lk48GTgb4SI निर्वासित कर दी तुमने मेरी प्रीत

https://youtu.be/PW5LrlismU8 वो तेरा घर🏕यह मेरा घर🏡

https://youtu.be/KUHjaFJ9IfE निष्कासन

https://youtu.be/llXo86eV_9Q शोभा यात्रा EPISODE 1

https://youtu.be/gpHyosCYi4o गीत पुराने याद न आना

https://youtu.be/sPVKieijyII KADWA SACH

घर छोटा ही या बड़ा ...घर तो घर ही होता है .. एक माँ के लिए छोटे छोटे भय भी कितने बड़े हो उठते है वे भी तो मेरी तरह निर्वासन का दंड भोग रहे थे ...मेरी तरह अपने स्नेह के सम्राज्य से निष्कासित थे ...मर नहीं सकी...एक आशा थी ..

https://youtu.be/4w2vDUax-ek अंतिम आक्षेप

पति ताले में कैद करके रखने की चीज़ नहीं ...उसे तो मन की डोर से बांधना पड़ता है ..वह चाहे कंही भी भटके बसेरे के लिए तो घर ही आएगा ...

🙏🙏🙏शोभा यात्रा EPISODE 1 🎎🙏🙏 🙏🙏✍✍मालती जोशी ✍✍🙏🙏🙏🙏 उन डूबते क्षणो में भी ....एक आकृति उभरी ..आसन् मूर्छा अवस्था में भी मैंने आधी रात में मांजी के कमरे में उनकी उपस्थिति को लक्ष्य किया .....
https://youtu.be/llXo86eV_9Q शोभा यात्रा 1

https://youtu.be/Idk08uAnAqk शोभा यात्रा 2

https://youtu.be/hjL01m2iMh4 शोभा यात्रा 3

https://youtu.be/PmPnATk8SEg शोभा यात्रा 4

🙏🙏🙏🙏जन्म  ------  4 जून  1934...🙏🙏🙏

भाषा ---   🌺🌺🌺हिंदी..🌺🌺🌺 🌺🌺🌺विधाएँ   ---------- कविता,,    उपन्यास,   कहानी 🌻🌻🌻🌻🌻मुख्य कृतियाँ🌻🌻🌻🌻 🌈🌈🌈🌤🌤📖📖📖📖📃📃📃📃📃📃 UPNYAS ------- - वो तेरा घर ये मेरा घर , मोरी रँग दी चुनरिया,..बहुरि अकेला, वो तेरा घर ये मेरा घर...... 📖📖📖📖📖📃📃📃📃📃📃📃📃📃📃                      कहानी संग्रह ---वो तेरा घर ये मेरा घर , मोरी रँग दी चुनरिया,                      बहुरि अकेला, वो तेरा घर ये मेरा घर..... 🌄🌄🌄🌄🌄🌄🌄🎁🎁🎁🎁🎁 सम्मान ----------               मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा भवभूति     अलंकरण सम्मान.....

Saturday, 20 March 2021

 शिवानी जी का वास्तविक नाम 'गौरा पंत' था ... किन्तु ये 'शिवानी' नाम से लेखन करती थीं.... इनकी शिक्षा शन्तिनिकेतन में हुई...साठ और सत्तर के दशक में, इनकी लिखी कहानियां और उपन्यास हिन्दी पाठकों के बीच अत्याधिक लोकप्रिय हुए शिवानी का निधन 2003 ई० मे हुआ...

जन्म 17अक्टूबर 1923 राजकोट गुजरात उपन्यास अतिथि, पूतों वाली, चल खुसरों घर आपने, श्मशान चंपा, मायापुरी, विषकन्या......... कहानी संग्रह शिवानी की श्रेष्ठ कहानियाँ, शिवानी की मशहूर कहानियाँ, झरोखा......
🎎🎎🎎🎎💐चल खुसरो घर आपने💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 📺📺📺📺📺अंतिम अध्याय📺📺📺📺📺 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 छ: महीने पहले वह इसी स्टेशन पर क्लान्त शरीर और अवसन्न चित्त लेकर, अकेली उतरी थी और आज वैसा ही क्लान्त शरीर और अवसन्न चित्त लेकर अकेली ही लौट रही थी....पंडितजी ने गरुड़ पुराण में सुनाया था कि उस लोक में सुख ही सुख हैं... कौनसा ऐसा दुख कौनसा अभाव था उन्हें... यह कहानी है कुमुद की, जिसे बिगड़ैल भाई-बहनों ने और आर्थिक पारिवारिक परिस्थितियों ने सुदूर बंगाल जाकर एक राजासाहब की मानसिक रूप से बीमार पत्नी की परिचर्या का दुरूह भार थमा दिया है...मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों का मनोसंसार..निम्नमध्यवर्गीय परिवार की कमाऊ अनब्याही बेटी और उसकी ग्लानि से दबी जाती माँ का मनोविज्ञान शिवानी जी के पारस स्पर्श से समृद्ध होकर इस उपन्यास को एक अद्भुत नाटकीय रूप दिया....

https://www.youtube.com/playlist?list=PLUoIVgnBiV-N6IQxpNBB9pnku3ijkJApr
HINDI STORIES TELLING BY SUNITA
🎎🎎🎎🎎💐चिरस्वयंवरा💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 सफेद बालों के ऊँचे जूड़े पर प्रयत्न से टिकाया गया अबीरी बनारसी आँचल...गठिया से टेढ़ी पड़ गई अँगुलियों पर जवा आलता की नाखूनी धारी..लाल नागरा और सन से सफेद बालों के बीच माँग पर बिखरी..निद्रामग्ना चिर स्वयंवरा की सोहाग पिटारी
https://youtu.be/-nE_ufuVgEM

🎎🎎🎎🎎💐💑विवर्त्त👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 Episode 1 📺🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 कभी-कभी जब वाणी व्यर्थ होकर समस्त आयुध डाल देती है तो स्पर्श भी बहुत-कुछ कह जाता है..
https://youtu.be/GN_cBj_02fU part 1

https://youtu.be/A8L9RbRLyJU part 2

🎎🎎🎎🎎💐गान्धारी💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 📺🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 दोनों प्रौढ़ा सखियों की आयु के दस दस वर्ष..स्वयं उनकी काल्पनिक गणना ने घटकर..पुराना योगफल मिटा दिया....अन्धे विवश पति का हाथ थामने के लिए उस त्यागमयी गांधारी ने स्वेच्छा से ही अपनी आँखों पर पट्‌टी बाँधी थी..दोनों सखियाँ सोच रही थीं..वे दोनों कितनी तुच्छ थीं..कितनी तुच्छ...
https://youtu.be/fP_EXBsbcqE
🎎🎎🎎🎎💐शिबी 💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 बहुत सोच कर नाम रखा शिवप्रिया ..शायद नित्य शिव का पावन नामोच्चारण माँ के कलुष को धो पोंछकर बहा देगा ..किन्तु पुकारने का अवसर ही नहीं आया ..
https://youtu.be/Ak4k_KrQdUY

🎎🎎🎎🎎💐दो बहनें💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 छब्बीस वर्ष तक, एक-दूसरे से, रक्त-मज्जा-मांस की डोर से बँधी, संयमी जुड़वाँ-सी बहनों को पल-भर में केशव ने किसी कुशल सर्जन की-सी शल्य-क्रिया से सदा के लिए विलग कर दिया।
https://youtu.be/Tfau1ZKqxaQ

🎎🎎🎎🎎💐उपप्रेती💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 विधाता का भी यह कैसा न्याय था कि विधवा सधवा बनी सौभाग्य का भरपूर सुख भोग रही थी..और सधवा वैधव्य का दारुण दुख झेल रही थी..एक थी मुखर..दूसरी मौन.. कहते हैं ...पहाड़ में किसी गर्भवती गृहिणी के प्राण प्रसव पीड़ा ने तब ही ले लिये जब शिशु भूमिगत नहीं हुआ था... जब उसे घाट ले जाया गया तो चिता में धरने से पूर्व शास्त्रानुसार गर्भ की संतान को जननी वे विलग किया गया... जिस पुत्र संतान ने जननी के प्राण लिये थे....स्वयं उसमें प्राण थे...उसी पुत्र का नाम धरा गया उप्रेती अर्थात् ...उप प्रेती...
https://youtu.be/erNVVdWqRf8

🎎🎎🎎🎎💐स्वप्न और सत्य 💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 कुत्ते के पिल्ले को पालना कितना सहज है..मनुष्य के दुधमुँहे को पालना कितना कठिन..श्वानशिशु का कुल गोत्र समाज नहीं माँगता...उसके जनक का परिचय उसके जीवन के लिए अनिवार्य नहीं होता...किन्तु मानव शिशु के जनक का अभिमान उसके प्रत्येक श्वास के लिए अनिवार्य हो उठता है..
https://youtu.be/71kn_w8ggu0
🎎🎎🎎🎎💐मँझले दद्‌दा 💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦
🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बड़े दद्‌दा ने जीवन भर सबकी अवहेलना सही.. इसी से शायद वह भी बिना किसी से कुछ माँगे..अपने सरल, स्निग्ध, स्नेह की धारा से सबको परिप्लावित कर एक दिन आँखें मूँदकर चले गए ..मँझले दद्‌दा की आँखें खुली थीं साँस चल रही थी..किन्तु वह भी उनके बीच से चले गए थे..सदा-सदा के लिए.
https://youtu.be/vuyV6N0JS1o मँझले दद्‌दा

🎎🎎🎎🎎💐फिरबे की ..? फिरबे.. ?💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦
🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 जब से यह मनहूस अँगूठी पहनी है..ठुलदा गाज़िल दा और आज अम्मा चली गईं..सरुली का वैधव्य भी इसी अँगूठी की देन है..चारु की ही भाँति उसका अशान्त अधीर चित्त भी प्रश्न पूछ रहा था.. फिरबे की? फिरबे?.. चारु की ही भाँति, उसका अशान्त अधीर चित्त भी वही प्रश्न पूछ रहा था ...फिरबे की? फिरबे?
https://youtu.be/HZ65Knaj9X8 फिरबे की? फिरबे?

🎎🎎🎎🎎💐ठाकुर का बेटा 💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 बेटा तो विलक्षण होगा ...पर महल का सुख भोग नहीं पायेगा ...रहेगा वनबिहारी ही ..आज तककभी ऐसा नहीं हुआ ...
https://youtu.be/hoQeZPrYRUE ठाकुर का बेटा

🎎🎎🎎🎎💐गहरी नींद 💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 विचित्र शिल्पी विधाता भी कैसी कैसी अनोखी मूर्तियां गढ़ देता है ...एक को नींद के लिए शीशी भर गोलियां खानी पड़ती
https://youtu.be/EGYZDCIRacQ

🎎🎎🎎🎎💐💐 दंड💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नाती का नाम धरा था मृत्युंजय...पर मृत्यु को नहीं जीत सका बेचारा .मृत्यु ने ही उसे जीत लियावह तो स्वयं ही मृत्युंजय का जीवित संस्करण था..क्या वही पिता को चमत्कृत करने एक बार फिर अरथी में बँधने लौट आया था..

🎎🎎🎎🎎💐चन्नी💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 संसार ऐसी भावुक कमजोर दलील पर विश्वास नहीं करता..फिर उस खुशबू ही को भला कब तक सहेज पाऊँगी...हिना और खस की खुशबू अब चन्नी के रहस्यमय अस्तित्व की भाँति धीरे-धीरे उड़ती जा रही है... जिस दिन वह बिल्कुल ही उड़ जाएगी..उस दिन शायद मैं भी मान लूँगी कि चन्नी सचमुच ही मर गई..

🎎🎎🎎🎎💐💐 मेरा भाई 💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 राखी तो उसे नहीं बाँध पाई पर इतना तो कर ही सकती हूँ... जिसे अब मैं नहीं ढूँढ़ पाऊँगी.... मेरे उस राखीबन्द भाई को शायद दयालु वैंकटेश्वर स्वयं एक दिन मुश्कें बाँध अपने दरबार में बुला भेजें और वह अभागा उनके चरणों में गिरकर कह सके.....

🎎🎎🎎🎎💐💐तीन कन्या 💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 चार मीनारों में जो ..मीनार भूकम्प के धक्के से टूटकर बिखर गई थी, वह फिर कभी नहीं बनाई गई...मामी ने कहा था। सोचती हूँ...आज भाग्य का भूकम्प..जो फिर वही क्रम दुहरा रहा है, उसका अन्त भी क्या वैसा ही रहेगा....

🎎🎎🎎🎎💐💐मन का प्रहरी 👨‍👩‍👧‍👦💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 आज तक मुझे अपनी अन्तःप्रेरणा पर बड़ा गर्व था...पर आज सचमुच ही मेरा दर्प अचानक हाथ से गिर गए दर्पण की भाँति...यथार्थ की धरा पर गिर, चूर-चूर होकर बिखर गया है.....किन्तु मुझे यह प्रहरी लाख बहकाए, संसार के बड़े- से-बड़े वैरागी के वैराग्य को भी पहचानना अब मैंने सीख लिया है....
🎎🎎🎎🎎💐💐गूंगा👨‍👩‍👧‍👦💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 मेरी रेल क्यों छीन ली.. इतने मेहमान आते हैं, पर वह क्यों नहीें आती जिसने मुझे चूम-चूमकर खिलौने दिये थे..आज मेरी पीठ पर काशीबाई ने बेंत क्यों मारे..वही सुन्दर-सी औरत उसे गोद में उछाल-उछालकर ...


🎎🎎🎎🎎💐💐नथ👨‍👩‍👧‍👦💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 पति पत्नी के रिश्तों के विश्वास की कहानी क्या पता यह संस्कारग्रस्त देहाती चित की कल्पना मात्र हो ... पुट्टी के सात्विक दान की रसीद अपने सुनहले अक्षरों में स्वयं लिख गयी....जल्दी से हाथ की खाकी पोटली को कमिश्नर की थैली में डालकर वह भीड़ में खो गयी। न उसे अपनी उदारता की घोषणा करने का अवकाश था, न कोई कामना..... 🏕🏕🏕🏕🏕💐💐💐💐💐⚘⚘⚘⚘⚘⚘
🎎🎎🎎🎎💐💐सौत💑💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏 पति पत्नी के रिश्तों के विश्वास की कहानी क्या पता यह संस्कारग्रस्त देहाती चित की कल्पना मात्र हो ... आधुनिक पतिव्रता की मान्यताएं अब हमारी मान्यतायों से भिन्न हो ..वह पति को ऐसी स्वतंत्रता स्वेच्छा से ही देती हो ....
ISC HINDI FOR CLASS 11 & 12*SATI* सती 6 फुट साढ़े 10 इंच लम्बी महिला और सती होने जा रही शिवानी
🎎🎎🎎🎎💐निर्वाण💑👨‍👩‍👧‍👦👨‍👩‍👧‍👦 🙏🙏🙏🙏🙏शिवानी🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ईश्वर में मेरा दृढ़ विश्वास है..किन्तु किसी साधु सा पहुँचे सिद्ध का अन्धानुगमन.. मेरी प्रकृति के विरुद्ध....., किसी लब्धप्रतिष्ठ स्वामी का सान्निध्य...मेरे या अन्य किसी के जीवन में, मांगलिक परिवर्तन संघटित कर सकता है..




Sunday, 14 March 2021

 जैनेन्द्र कुमार

 जैनेन्द्र कुमार का नाम  हिंदी उपन्यास के इतिहास में मनोविश्लेषणात्मक परंपरा के प्रवर्तक के रूप में मान्य हैं.. इनकी मुख्य देन उपन्यास तथा कहानी है..एक साहित्य विचारक के रूप में भी इनका स्थान मान्य है ..उनके पात्रों की चारित्रिक विशेषताएँ इसी कारण से संयुक्त होकर उभरती हैं.क्योंकि पात्रों के सूक्ष्म संकेतोंऔर चरित्र की निहिति की खोज करके उन्हें बड़े कौशल से प्रस्तुत करते हैं..जैनेन्द्र का सबसे बड़ा योगदान हिन्दी गद्य के निर्माण में था..

जैनेंद्र कुमार का जन्म २ जनवरी सन १९०५, में अलीगढ़ के कौड़ियागंज गांव में हुआ ..उनके बचपन का नाम आनंदीलाल था..जनम के २ वर्षो में ही पिता की मृत्यु के बाद इनकी माता एवं मामा ने ही इनका पालन-पोषण किया..

मूल नाम    आनंदी लाल 

भाषा          हिंदी 

जन्म           २ जनवरी सन १९०५  अलीगढ 

विद्याए         उपन्यास , कहानी ,निबंध 

 उपन्यास      परख ,सुनीता, त्यागपत्र ,कल्याणी , सुखदा ....

कहानी          पाजेब , जैनेन्द्र की कहानियां ,फांसी, नीलम देश की राजकन्या ......

पुरस्कार       पद्म भूषण, साहित्य अकादमी पुरस्कार.

 त्यागपत्र' उपन्यास

त्यागपत्र उपन्यास मनोवैज्ञानिक कथाकार जैनेंद्र कुमार द्वारा रचित प्रसिद्ध उपन्यास है.. यह उपन्यास 1937  में प्रकाशित हुआ। ...त्यागपत्र  उपन्यास इस की नायिका मृणाल की दर्द भरी जीवनी पर आधारित है जिसमें समाज की रूढ़ियाँ, कठोर नैतिक मान्यताएँ एवं अमानवीय सामाजिक व्यवस्था का चित्रण हुआ है...

 यह उपन्यास चीफ जस्टिस एम. दयाल द्वारा लिखी गई आत्मकथा के रूप में है..जिनका  चरित्र उपन्यास में प्रमोद के नाम से चित्रित हैतथा  पूरा उपन्यास आत्मकथात्मक शैली में लिखा गया है..

इसमें मृणाल के माध्यम से स्त्रियों की  यातनापूर्ण स्थिति को पूर्ण मार्मिकता एवं यथार्थवादी दृष्टि के साथ प्रस्तुत किया गया है..



 प्रमोद अर्थात्  दयाल अपने बचपन से कहानी का आरंभ करते हैं..परिवार में उसके माता-पिता और तीन बहने थी  किन्तु अभी तीन बहनो में से केवल   मृणाल ही जीवित थी..मृणाल जिसको  प्रमोद की मां अपने कठोर शासन से आदर्श नारी बनाना चाहती है और उसकी  छोटी सी गलती के कारन उससे कठोर, अमानवीय व्यवहार करती है किन्तु मृणाल अपने अनुसार, अपनी भावनाओं के अनुसार अपना जीवन यापन करना चाहती है परंतु समाज उसे अपने नियमों में और बंधनों में जकड़े रखना चाहता है ..उसके प्रेम का तिरिस्कार उसी के भाई तथा भाभी द्वारा करके उसका विवाह अधेड़ उम्र के दोहाजु से कर दिया जाता है जिसे वो ख़ामोशी से स्वीकार कर लेती है ..किन्तु पति भी उसे दुश्चरित्रा समझ कर उस पर अत्याचार करता है और उसे त्याग देता है ..और वो व्यक्ति जो उसकी सुंदरता पर मोहित हो उसकी रक्षा करता है और परिवार को त्याग कर मृणाल के साथ रहने लगता है वो भी कुछ समय पश्चात मृणाल को  त्याग कर उसकी सारी संपत्ति लेकर कर चला जाता ह।..उस समय मृणाल गर्भवती होती है .. एक कन्या को जन्म देती है..जो कुछ समय बाद मर जाती है।। वो एक बहुत गन्दी बस्ती में रहने लगती है।।। और उनका भतीजा प्रमोद काबिल होते हुए भी चाहकर भी उसकी कोई सहयता नहीं कर पता है..


इस उपन्यास द्वारा लेखक ने भारतीय नारी की परवशता.. बेमेल  विवाह की पीड़ा,  सामाजिक प्रताड़ना,  आर्थिक पराधीनता से उत्पन्न नारी जीवन की विवशताओं को बड़े ही मार्मिक एवं यथार्थ ढंग से अभिव्यक्त किया है 





Wednesday, 10 March 2021

 

देवी चौधरानी




🙏🙏🙏🙏🙏🙏बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय 🙏🙏🙏🙏🙏🙏

राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के रचियता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय बंगाल के प्रख्यात उपन्यासकार, कवि, गद्यकार और पत्रकार थे ... राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' उनकी ही रचना है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में क्रान्तिकारियों का प्रेरणास्रोत बन गया था

जन्म 27 June 1838 भाषा बांग्ला मृत्यु 8 April 1894 विधाये ------- कविता , उपन्यास, कहानियां , नाटक .. उपन्यास आनंदमठ, दुर्गेश नंदिनी, कपालकुंडला, मृणालिनी, चंद्रशेखर, देवी चौधरानी.....
बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय का जन्म उत्तरी चौबीस परगना नैहाटी में एक परंपरागत और समृद्ध बंगाली परिवार में हुआ था.. उनकी शिक्षा हुगली कॉलेज और प्रेसीडेंसी कॉलेज में हुईजो आज कोलकाता का बेहद मशहूर कॉलेज है .1857में उन्होंने बीए पास किया...प्रेसीडेंसी कालेज से बी. ए. की उपाधि लेनेवाले ये पहले भारतीय थे.. शिक्षासमाप्ति के तुरंत बाद डिप्टी मजिस्ट्रेट पद पर इनकी नियुक्ति हो गई.. कुछ काल तक बंगाल सरकार के सचिव पद पर भी रहे।..रायबहादुर और सी. आई. ई. की उपाधियाँ पाईं.. 
 उनकी प्रथम प्रकाशित रचना राजमोहन्स वाइफ थी....
1865 में दुर्गेशनंदिनी ...1866 कपालकुंडला ..
1872 में मासिक पत्रिका बंग दर्शन का भी प्रकाशन किया 
1882 में आनंदमठ  राजनीतिक उपन्यास है... इस उपन्यास में उत्तर बंगाल में 1773 के संन्यासी विद्रोह का वर्णन किया गया है.. इस पुस्तक में देशभक्ति की भावना है..
 चटर्जी का अंतिम उपन्यास सीताराम (1886) है.....


🙏🙏🙏🙏🙏🙏देवी चौधरानी देवी चौधरानी उपन्यास में बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय भारतीय स्त्रियों की दुर्दशा को जीवंत रूप दिया है ..प्रफुल्ल उपन्यास की नायिका गरीब लड़की है जिसका विवाह एक सम्पान परिवार में होता है... परंतु गरीबी तथा झूठी अवहा के कारण उसे घर से निकाल दिया जाता है...यह उपन्यास नारी की गौरव गाथा है, जो ससुराल से निकाल दिए जाने पर भी आजीवन पतिपरायणा रही.इतना ही नहीं डाकुओं के चंगुल में पड़ कर वह डाकू भले ही बन गई हो, पर उस ने कभी डाका नहीं डाला, कभी किसी को सताया नहीं. कालांतर में अपार धनदौलत की मालकिन..हो कर भी उस ने सदैव गरीबों और निस्सहायों का उपकार किया...भले ही वह ससुराल में न रही पर वह पति प्रिया अवश्य थी ...

Saturday, 2 January 2021

                JOINT STOCK COMPANY

MEANING

A Joint stock company is an association of many persons who contribute money or money's worth to a common stock and employ it in some trade or business, and who share the profit and loss arising therefrom.

FEATURES OF A COMPANY

1. Separate legal existence : A company has a distinct legal entity independent of its member. It can own property, make contracts and file suits in its own name . Shareholders are not the joint owners of the company's property. A shareholder cannot be held liable for the acts of the company. 

2. Perpetual succession : Perpetual succession means continued existence. A company is a creation of the law and only the law can bring an end to its existence. It's life doesn't depend on the life of its members. It continues to exists even if all its members die.

3. Limited liability : As a company has a separate legal entity, its members cannot be held liable for the debts of the company.

4. Transferability of shares : The capital of a company is divided into parts. Each part is called a share. These shares are generally transferable.

5. Common seal : The name of the company is engraved on its common seal. The common seal is the official signature of the company.

6. Separation of ownership and control : Members have no right to participate directly in the day-to-day management of a company. They elect their representative, called directors, who manage the company's affairs on behalf of the members.

7. Voluntary association : A joint stock company is a voluntary association of certain person s formed to carry out a particular purpose in common. It is an incorporated association.

8. Artificial legal person : A company is an artificial person created by law. It exists only in contemplation of law. It is competent to enter into contracts and to own property in its own name.

9. Corporate finance : The share capital of a company is generally divided into a karge number of shares of small value.

10. Statutory regulation and control : Government exercise control through company law over the management of joint stock companies.

DISTINCTION BETWEEN COMPANY AND PARTNERSHIP

1. Formation and registration : A company crated by law while partnership is the result of an agreement between the partners.

2. Number of members : The minimum number of partner in partnership firm is two and maximum is 10 in banking business and 20 in other businesses.

3. Legal status : A company has a separate legal entity independent of its members but a partnership firm has no separate legal entity different from its partners.

4. Liabilities of members : In a joint stock company, the liability of every member is usually limited. But in a partnership, partners are jointly and severally liable to an unlimited extend.

5. Winding up : A partnership can be dissolved at any time without any legal formalities. But several legal formalities have to be complied with for the winding up of a company.



OBJECTIVES OF JOINT STOCK COMPANY

1. Rapid industrialisation : Rapid industrialisation of the country is essential to achieve the objectives of the five year plans. Strong infrastructure is necessary for rapid development of industries.

2. Large Scale production : Economic progress is not possible without higher productivity and better quality goods. This requires development and use of sophisticated technology.

3. Better utilisation of resources : Corporate organisations can make better use of a country's resources with the application of modern methods of production and distribution. Optimum utilisation of natural resources is beneficial to society economically.

4. Mobilisation of idle resources : A public limited company can mobilise scattered and small savings of public. These financial resources are invested in industry. In this way corporate organisation seeks to increase the rate of capital formation in a country.

5. Employment generation : Unemployment has become a chronic problem in India. Joint stock company provides direct employment to a large number of people. It creates employment opportunities by developing ancillary industries.

MERITS OF A COMPANY

1. Large capital resources : A joint stock company has widespread appeal to investors of all types. Its capital is divided into shares of small value so that people with limited means can also buy them.

2. Limited liability : The liability of a member of a company is limited to the face value of shares held by him.

3. Continuity of existence : A joint stock company enjoys uninterrupted existence over a long period of time.

4. Efficiency management : A company can employ highly qualified experts in different areas of business management.

5. Transferability of shares : The shares of a public company are listen on the stock exchange so that a member can easily sell his shares.

6. Economies of scale : The company form of business organisation provides tremendous scope for growth and expansion.

7. Goodwill : A company enjoys a good reputation and prestige in the business world.

8. Social advantages : The company form of organisation mobilises scattered savings of the community and channelises them into productive uses.

DEMERITS OF A COMPANY

1. Legal formalities : Formation of a company is a time-consuming and expensive process.

2. Lack of motivation : The directors and other officers of a company have little personal involvement in the efficient management of a company.

3. Delay in decisions : Red tape and bureaucracy do not permit quick decisions and prompt action.

4. Economic oligarchy : The management of  a company is supposed to be carried on according to the collective will of its members.

5. Corrupt management : In a company, there is often danger of fraud and misuse of property by dishonesty management.

CAUSES OF POPULARITY OF A COMPANY

1. Accumulation of large funds : No form of organisation can accumulate as much financial resources as a joint stock company.

2. Limited Liability : The liability of a shareholder is limited to the face of shares hold by him.

3. Stability : A company is a separate legal entity. It enjoys a continuous and uninterrupted existence.

4. Transferability of shares : Shares of a public limited company are freely transferable.

5. Divided risk : Risk of loss in a company is divided among a large number of shareholders.

6. Better management : A joint stock company can employ experts to manage its business affairs.

7. Expansion and growth : Company organisation is best suited for large scale business operations.

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