https://imojo.in/detjqw ISC PRINCIPALS OF ACCOUNTS VOLUME 1
INTRODUCTION , DOUBLE ENTRY, ACCOUNTING EQUATIONSOLVED QUESTION ANSWERS
सती
लेखिका परिचय - प्रस्तुत कहानी की लेखिका शिवानी जी है इनका जनम १९२३ सौराष्ट में हुआ था इन्होने शांति निकेतन में अध्ययन करते हुए १९४३ में स्नातक की डिग्री प्राप्त की सं २००३ में दिल्ली में इनका निधन हुआ . शिवानी जी ने अपनी कीर्तियों से सामाजिक रूढ़ियों
तथा आडम्बरों पर करारा व्यंग्य किया है .इनकी प्रमुख रचनाऐ विषकन्या , लाल हवेली , अपराधिनी आदि है । चौदह फेरे , कैजा , कृषणकली , इनके प्रमुख उपन्यास है ।
तथा आडम्बरों पर करारा व्यंग्य किया है .इनकी प्रमुख रचनाऐ विषकन्या , लाल हवेली , अपराधिनी आदि है । चौदह फेरे , कैजा , कृषणकली , इनके प्रमुख उपन्यास है ।
सती - कहानी का सारांश तथा उस से सम्बंधित प्रश्न उत्तर ,पात्रों के चरित्र चित्रण का विस्तृत रूप से वर्णन करेंगे । यह कहानी क्लास ११ तथा १२ के ISC पाठ्यक्रम
में आती है इस के आलवा अगर आपको कुछ भी जिज्ञासा हो तो आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते है .
में आती है इस के आलवा अगर आपको कुछ भी जिज्ञासा हो तो आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते है .
प्रश्न - सती कहानी के माध्यम से कहानीकार समाज को कौन सा सन्देश देना चाहते है?
उत्तर - सती कहानी के माधयम से कहानीकार समाज को ट्रेनों में होने वाली तथा ठगने वाले लोगो से समाज को सावधान करना चाहती है प्रस्तुत कहानी में उन्होंने कहा है की किस प्रकार ठग मनुष्यों की सवेंदन शीलता का लाभ उठाते है लोगो का संवेदनशील होना भी उनके लिए प्राणघातक तथा नुकसान का कारण बन सकता है ।इस कहानी में जिस तथ्य की और संकेत किया गया है वह है मदालसा का स्त्री होना क्योंकि महिलाएं जिन्हें बहुत सुकोमल और सवेदनशील माना गया है उनमे से कुछ आपराधिक प्रकृति की होती है जो की मानवता को शर्मसार करती है ।इसलिए किसी पर भी इतनी जल्दी विश्वास नहीं करना चाहिए हमें अपनी सवेंदनाओं तथा सहानुभूति पर काबू रखना चाहिए ताकि हम किसी भी अनहोनी का शिकार होने से बच सके ।
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INTRODUCTION , DOUBLE ENTRY,
ACCOUNTING EQUATION
SOLVED QUESTION ANSWERS
प्रश्न - सती कहानी के शीर्षक के औचित्य पर प्रकाश डालिये ?
उत्तर - सती कहानी का शीर्षक पूरी तरह से उचित है यह अपने नाम अनुसार पूरी कहानी का सार अपने अंदर समेटे हुए है ।
सती एक जिज्ञासवर्धक शीर्षक है मदालसा के यह कहने से की वो सती होने जा रही कहानी एक नया मोड ले लेती है जिसमे सहानुभूति और संवेदनाओं का ऐसा मिश्रण तैयार होता है जिस से पाठकों की कहानी के प्रति जिज्ञासा बढ़ जाती है की आगे क्या होगा जो की कहानी को अंत तक पढ़ने की प्रेरणा देती है । अतः यह शीर्षक अत्यंत संछिप्त होते हुए भी अपने अंदर पूरी कहानी का सार समेटे हुए है ।
प्रश्न - सती कहानी में मदालसा के चरित्र की विशेषताओं का विश्लेषण कीजिये ?
उत्तर - सती कहानी एक समस्या को उजागर करने वाली कहानी है । इस कहानी में कुल चार पात्र है जिनमे मदालसा प्रमुख है । यह एक छ फ़ीट सादे दस इंच लम्बी गोरी विदेशी महिला है जो प्रिटोरिआ से अपने पति का शव लेने आयी है ।
मदालसा संवाद बोलने में अत्यंत निपुण है जो न सिर्फ हिंदी बल्कि अंग्रजी भी त्रुटि रहित बोलती है । वह इतनी वयवहार कुशल है अपनी बोली तथा व्यवहार से सबके साथ जल्दी ही निकटता बना लेती है और सबको प्रभावित् भी कर लेती है । मदालसा एक कुशल अभिनेत्री भी है वह अपने साथ होने वाली घटनाओं को ऐसे बोलती है जिस से सारे सहयात्री उसे सच मान कर उस पर विश्वास कर लेते है ।
अतः सती कहानी में मदालसा एक ऐसा पात्र है जिसका कहानी की सफलता में सबसे अधिक योगदान है ।
प्रश्न - "नहीं आपको ऐसी मूर्खता करने का कोई अधिकार नहीं है । यह एक अपराध है क्या आप यह नहीं जानती " इस कथन में कैसी मूर्खता करने की बात की जा रही है ? यह मूर्खता कौन करने जा रहा है?
उत्तर - सती कहानी में शिवानी जी ने सती प्रथा के आधार पर एक व्यंग तैयार किया है । प्रस्तुत कथन पंजाबी महिला मदालसा से कहती है जब उसने मराठी महिला से यह कहा की वह अपने पति के शव के साथ सती होने भारत आयी है । पंजाबी महिला सती होने की बात को पूर्णतया मूर्खता पूर्ण निर्णय बताती है तथा सती होना यानी आत्महत्या करना जो की एक अपराध है मदालसा को समझाती है ताकि पुलिस के डर से वह अपना निर्णय बदल ले ।
SOLVED QUESTION ANSWERS
प्रश्न - सती कहानी के शीर्षक के औचित्य पर प्रकाश डालिये ?
उत्तर - सती कहानी का शीर्षक पूरी तरह से उचित है यह अपने नाम अनुसार पूरी कहानी का सार अपने अंदर समेटे हुए है ।
सती एक जिज्ञासवर्धक शीर्षक है मदालसा के यह कहने से की वो सती होने जा रही कहानी एक नया मोड ले लेती है जिसमे सहानुभूति और संवेदनाओं का ऐसा मिश्रण तैयार होता है जिस से पाठकों की कहानी के प्रति जिज्ञासा बढ़ जाती है की आगे क्या होगा जो की कहानी को अंत तक पढ़ने की प्रेरणा देती है । अतः यह शीर्षक अत्यंत संछिप्त होते हुए भी अपने अंदर पूरी कहानी का सार समेटे हुए है ।
प्रश्न - सती कहानी में मदालसा के चरित्र की विशेषताओं का विश्लेषण कीजिये ?
उत्तर - सती कहानी एक समस्या को उजागर करने वाली कहानी है । इस कहानी में कुल चार पात्र है जिनमे मदालसा प्रमुख है । यह एक छ फ़ीट सादे दस इंच लम्बी गोरी विदेशी महिला है जो प्रिटोरिआ से अपने पति का शव लेने आयी है ।
मदालसा संवाद बोलने में अत्यंत निपुण है जो न सिर्फ हिंदी बल्कि अंग्रजी भी त्रुटि रहित बोलती है । वह इतनी वयवहार कुशल है अपनी बोली तथा व्यवहार से सबके साथ जल्दी ही निकटता बना लेती है और सबको प्रभावित् भी कर लेती है । मदालसा एक कुशल अभिनेत्री भी है वह अपने साथ होने वाली घटनाओं को ऐसे बोलती है जिस से सारे सहयात्री उसे सच मान कर उस पर विश्वास कर लेते है ।
अतः सती कहानी में मदालसा एक ऐसा पात्र है जिसका कहानी की सफलता में सबसे अधिक योगदान है ।
प्रश्न - "नहीं आपको ऐसी मूर्खता करने का कोई अधिकार नहीं है । यह एक अपराध है क्या आप यह नहीं जानती " इस कथन में कैसी मूर्खता करने की बात की जा रही है ? यह मूर्खता कौन करने जा रहा है?
उत्तर - सती कहानी में शिवानी जी ने सती प्रथा के आधार पर एक व्यंग तैयार किया है । प्रस्तुत कथन पंजाबी महिला मदालसा से कहती है जब उसने मराठी महिला से यह कहा की वह अपने पति के शव के साथ सती होने भारत आयी है । पंजाबी महिला सती होने की बात को पूर्णतया मूर्खता पूर्ण निर्णय बताती है तथा सती होना यानी आत्महत्या करना जो की एक अपराध है मदालसा को समझाती है ताकि पुलिस के डर से वह अपना निर्णय बदल ले ।
दासी
दासी कहानी में कहानीकार जय शंकर प्रसाद ने अपने चरित्रों के द्वारा तत्कालीन समाज में व्यापत दास प्रथा और गुलामी की समस्याओं को दिखाया है
लेखक परिचय - श्री जय शंकर प्रसाद हिंदी के छायावादी युग के प्रमुख स्तम्भों में से एक है ।
बहुत ही कम उम्र से इनकी रूचि कला और साहित्य में हो गयी थी इनके प्रमुख काव्य - कामायनी , आँसूं , प्रेमपथी आदि है । प्रमुख नाटक स्कंदगुप्त , चन्द्रगुप्त आदि है तथा प्रमुख उपन्यास कंकाल , तितली आदि है ।प्रस्तुत कहानी दासी भी एक ऐतहासिक कहानी है जो भावनाओं की मिठास तथा कवित्व से पूर्ण है ।
प्रश्न - दासी कहानी की कौन सी घटना आपको सर्वाधिक प्रभावित करती है ?
उत्तर - प्रस्तुत कहानी दासी में लेखक ने मनुष्य की मानसिक अस्थिरता किस प्रकार उसके व्यवहार को विकृत कर देती है इस को व्यक्त किया है । कहानी के अंत में अहमद द्वारा इरावती के प्रति किया गया दुर्व्यवहार जंहा कहानी की दिशा बदल देता है साथ में इसके अंत को और भी रोचक बना देता है इस कारन से कहानी की ये घटना सर्वाधिक रोचक लगती है जिसमे एक ही क्षण में अहमद की मृत्यु , बलराज और इरावती का मिलन , तिलक का अपनी बहन से मिलना ये सभी घटनायें एक साथ होती है जो कहानी को एक पूर्ण अंतिम पड़ाव की और ले जाती है ।
बहुत ही कम उम्र से इनकी रूचि कला और साहित्य में हो गयी थी इनके प्रमुख काव्य - कामायनी , आँसूं , प्रेमपथी आदि है । प्रमुख नाटक स्कंदगुप्त , चन्द्रगुप्त आदि है तथा प्रमुख उपन्यास कंकाल , तितली आदि है ।प्रस्तुत कहानी दासी भी एक ऐतहासिक कहानी है जो भावनाओं की मिठास तथा कवित्व से पूर्ण है ।
प्रश्न - दासी कहानी की कौन सी घटना आपको सर्वाधिक प्रभावित करती है ?
उत्तर - प्रस्तुत कहानी दासी में लेखक ने मनुष्य की मानसिक अस्थिरता किस प्रकार उसके व्यवहार को विकृत कर देती है इस को व्यक्त किया है । कहानी के अंत में अहमद द्वारा इरावती के प्रति किया गया दुर्व्यवहार जंहा कहानी की दिशा बदल देता है साथ में इसके अंत को और भी रोचक बना देता है इस कारन से कहानी की ये घटना सर्वाधिक रोचक लगती है जिसमे एक ही क्षण में अहमद की मृत्यु , बलराज और इरावती का मिलन , तिलक का अपनी बहन से मिलना ये सभी घटनायें एक साथ होती है जो कहानी को एक पूर्ण अंतिम पड़ाव की और ले जाती है ।
प्रश्न - दासी कहानी की प्रमुख पात्र फ़िरोज़ा का चरित्र चित्रण कीजिये ?
उत्तर - दासी एक ऐतिहासिक कहानी है जिसमे लेखक ने समाज में फैली दास प्रथा को व्यक्त किया है इस कहानी की मुख्या पात्र फ़िरोज़ा है जिसकी चारित्रिक विष्टायें निम्नलिखित है "--
१. फ़िरोज़ा एक संवेदन शील तथा दुसरो की भावनाओं को न केवल समझने वाली वरन उनका आदर करने वाली स्त्री है क्योंकि वह बलराज की वेदना को समझ के केवल उसे आत्महत्या से रोकती है वरन अपने पैसे भी उसे देकर उसे हिंदुस्तान वापस जाने कहती है !
२.फ़िरोज़ा एक चंचल बाला है जो गंभीर से गंभीर परिस्थितयों का समाना हँसते हँसते करती है उसके विषय में कहानीकार लिखते है "अल्हड़पन ,चंचलता और हंसी से बानी हुई तुर्क बाला सब हृदयों के समीप थी "
३. फ़िरोज़ा एक आशावादी बाला है क्योंकि जब बलराज अपनी परिस्थियों से निराश होकर आत्महत्या करना चाहता है वहीँ फ़िरोज़ा को पूर्ण विश्वास है की यह ग़ुलामी एक दिन अवश्य खतम होगी !
४. फ़िरोज़ा न केवल स्वाभिमानी है बल्कि वह एक सच्ची प्रेमिका भी है वह अहमद से सच्चा प्रेम करती है किन्तु जब वह इरावती से अभद्रता करता है तो वह उसे छोड़कर चली जाती है किन्तु अहमद की मृत्यु के बाद उसकी समाधि की आजीवन दासी बनकर सेवा करती है जो उसके अद्वितीय प्रेम को दर्शाता है !
इस प्रकार फ़िरोज़ा का चरित्र दासी कहानी में न केवल महत्वपूर्ण योगदान देता है बल्कि दासी कहानी में कहानीकार के उदेश्श्य की पूर्ति को भी सफल बनाता है !
उत्तर - दासी एक ऐतिहासिक कहानी है जिसमे लेखक ने समाज में फैली दास प्रथा को व्यक्त किया है इस कहानी की मुख्या पात्र फ़िरोज़ा है जिसकी चारित्रिक विष्टायें निम्नलिखित है "--
१. फ़िरोज़ा एक संवेदन शील तथा दुसरो की भावनाओं को न केवल समझने वाली वरन उनका आदर करने वाली स्त्री है क्योंकि वह बलराज की वेदना को समझ के केवल उसे आत्महत्या से रोकती है वरन अपने पैसे भी उसे देकर उसे हिंदुस्तान वापस जाने कहती है !
२.फ़िरोज़ा एक चंचल बाला है जो गंभीर से गंभीर परिस्थितयों का समाना हँसते हँसते करती है उसके विषय में कहानीकार लिखते है "अल्हड़पन ,चंचलता और हंसी से बानी हुई तुर्क बाला सब हृदयों के समीप थी "
३. फ़िरोज़ा एक आशावादी बाला है क्योंकि जब बलराज अपनी परिस्थियों से निराश होकर आत्महत्या करना चाहता है वहीँ फ़िरोज़ा को पूर्ण विश्वास है की यह ग़ुलामी एक दिन अवश्य खतम होगी !
४. फ़िरोज़ा न केवल स्वाभिमानी है बल्कि वह एक सच्ची प्रेमिका भी है वह अहमद से सच्चा प्रेम करती है किन्तु जब वह इरावती से अभद्रता करता है तो वह उसे छोड़कर चली जाती है किन्तु अहमद की मृत्यु के बाद उसकी समाधि की आजीवन दासी बनकर सेवा करती है जो उसके अद्वितीय प्रेम को दर्शाता है !
इस प्रकार फ़िरोज़ा का चरित्र दासी कहानी में न केवल महत्वपूर्ण योगदान देता है बल्कि दासी कहानी में कहानीकार के उदेश्श्य की पूर्ति को भी सफल बनाता है !
Thankyou it really helped me and the questions are also quite good. Thanks💯
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